“यतोऽभ्युदयनिः श्रेयससिद्धि स धर्मः” 

अर्थात् 

जिससे ऐहिक और पारलौकिक उन्नति प्राप्त हो, वह धर्म है। 

~ महर्षि कणाद के अनुसार 

इतिहास 

एक हजार वर्ष पहले से "आमेटा" नाम अस्तित्व में थायह ताम्रपत्र सहदेवजी पिता बाबुलालजी तिवारी (चन्द्रात्री-आमेटा) ग्राम: मोहरा, जिला-पाली (राज.), हाल मुकाम-लाम्बा, जिला जोधपुर के पास मिला था |

गोत्र 

आमेटा समाज की कुल 13 मुख्य गोत्र होती है। शांडिल्य, कौड़िल्य, वशिष्ठ, कश्यप, चंद्रात्री, कौशिक, वत्स, गौतम, गर्ग, भारद्वाज, पराशर, आलंबायन, अंगिरस ये 13 गोत्र है। 

कार्यकारिणी 

धर्मशाला

हमारे समाज की धर्मशालाएँ उदयपुर, उज्जैन और भवानी मंडी में उपलद्ध है। 

Gallery 

News and Events 

Check our recent updates

स्नेह मिलन - दीपावली महोत्सव, उदयपुर 

आमेटा मिलन सम्मेलन, आसपुर  

सामूहिक विवाह कार्यक्रम, उदयपुर 

Our Testimonials

What people say about us

पं. बालकृष्ण गणेशदत्त जी शास्त्री 

राष्ट्रीय अध्यक्ष - अखिल भारतीय आमेटा ब्राह्मण समाज 

सभी को आमेटा होने का गौरव हो, व्यक्तिगत उन्नति के साथ सामाजिक उन्नति का प्रयास करे, यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है, सम्पूर्ण भारत मे रचे बसे आमेटा बन्धुओ को अपना मानकर उनको जोड़ने का संकल्प लेना है, नेक और श्रेष्ठ  समाज का निर्माण हो. अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है,  आइए मिलकर समृद्ध और सशक्त आमेटा समाज के लिए काम करे।

गोपाल जी आमेटा 

टीम (आमेटा ग्लोबल) 

" A relationship is like a job. You have to work hard to get in it and you have to work even harder to stay in it. Just don't give up trying to do what you really want to do. Where is love and inspiration, I don't think you can wrong."